गयाकोठा तीर्थ स्थल का काम राशि के अभाव में अधूरा

By AV NEWS

पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध कर्म में श्रद्धालुओं को होगी मुश्किल

गयाकोठा तीर्थ स्थल का काम राशि के अभाव में अधूरा

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म के प्रमुख स्थान गयाकोठा तीर्थ स्थल का काम राशि के अभाव में तीन साल सू अधूरा है। श्राद्ध पक्ष फिर से शुरू होने वाला है और ऐसे में यहां आने वाले श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

अंकपात क्षेत्र में करीब 5 साल पहले तात्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह ने गयाकोठा तीर्थ स्थल की कुछ जमीन को अतिक्रमण से मुक्त करवाकर इसका 10.63 करोड़ की लागत से विकास कार्य शुरू करवाया था। निर्माण एजेंसी हाउसिंग बोर्ड ने शुरुआत में तो यहां तेजी से विकास कार्य शुरू किया,लेकिन बाद में अधूरा छोड़कर कार्य पूरी तरह से बंद कर दिया।

गयाकोठा तीर्थ का विकास का कार्य अधूरा पड़ा हैं। राशि के अभाव में तीन वर्ष से अधिक समय से यही हालात बने हुए हैं। बहरहाल इन तमाम परिस्थितियों के बीच श्राद्ध पक्ष में आने वालों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता हैं। निर्माण एजेंसी हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि इसमें योजना और राशि तो धर्मस्व विभाग की है।

शासन से करीब 4 करोड रुपए प्राप्त हुए थे जिससे जितना कार्य होना था वो कर दिया बाकी राशि के लिए लगातार पत्र व्यवहार किया जा रहा है लेकिन राशि प्राप्त नहीं हो रही हैं। राशि आने पर ही बाकी के कार्य हो सकेंगे। फिलहाल तो श्राद्ध पक्ष में आने वाले श्रद्धालुओं को अधूरे निर्माण कार्यों से असुविधा झेलना पड़ेगी।

पुराणों में उल्लेख है:अंकपात क्षेत्र के खाक चौक चौराहे के समीप गयाकोठा तीर्थ स्थल हैं, जिसका पुराणों में उल्लेख है। इस गया कोठा तीर्थ स्थल को एक सिद्ध क्षेत्र माना व कहा जाता है। यहां विष्णुपद, सप्तऋषि और 84 में से एक महादेव का मंदिर स्थित हैं। श्रद्धालु यहां भगवान विष्णु के सहस्त्र चरणों पर दुग्ध अर्पित कर ऋषि सरोवर के समीप श्राद्ध पूजन करते हैं। हर वर्ष बड़ी संख्या में यहां देश-विदेश से लोग पिंडदान व श्राद्ध कर्म के लिए आते हैं।

यह है स्थिति

श्रद्धालुओं की अधिक संख्या होने की स्थिति में मंदिर छोटा पडऩे लगता है।

संपूर्ण परिसर का फ्लोरिंग का कार्य नहीं हुआ है। इसके अभाव में खासकर बारिश के दौरान यहां कीचड़ की स्थिति बन जाती है। श्रद्धालुओं के पैरों में कंकर-पत्थर चुभते हैं।

मुख्य द्वार का कार्य पूरा बाकी। कुंड का कार्य भी अधूरा है।

सप्त ऋषि मंदिर का विस्तारीकरण बाकी है।

छतरी बाउंड्री वॉल सहित अन्य छोटे-मोटे और भी कई कार्य बाकी।

राशि धर्मस्व विभाग से प्राप्त होना है। करीब 6 करोड रुपए और मिलना बाकी है। आवंटन होने पर कार्य करवाएंगे।
निर्मल गुप्ता, कार्यपालन यंत्री हाउसिंग बोर्ड

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