कलेक्टर न्यायालय में आवेदन के बाद आदेश जारी
उज्जैन। जनपद पंचायत उज्जैन का प्रथम सम्मेलन और शपथ समारोह एक बार फिर अधर में लटक गया है। दरअसल अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर कलेक्टर न्यायालय में आपत्ति आवेदन के बाद जनपद पंचायत के सम्मेलन,शपथ पर रोक लगा दी गई है।
जनपद पंचायत उज्जैन के मामले में कलेक्टर कोर्ट ने भाजपा समर्थित जनपद सदस्य की याचिका पर 24 नवंबर (सुनवाई की अगली तारीख) तक के लिए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के शपथ समारोह यानी प्रथम सम्मेलन पर रोक लगा दी है। दो दिन पहले जारी हुई अधिसूचना के बाद जनपद अध्यक्ष के रूप में कांग्रेस की विंध्या पंवार और उपाध्यक्ष के तौर पर नासिर पटेल गुरुवार को शपथ ग्रहण करने वाले थे यानी प्रथम सम्मेलन भी होने वाला था। अब रोक के बाद ऐसा नहीं हो पाएगा। 27 जुलाई को जनपद पंचायत उज्जैन के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए मतदान हुए थे। इसमें भाजपा को कुल 25 में से एक भी वोट नहीं मिला था।
कांग्रेस की विंध्या पंवार भाजपा की भंवरबाई से 12 मतों से जीतकर अध्यक्ष बनी थीं और कांग्रेस के ही नासिर पटेल निर्विरोध उपाध्यक्ष चुने गए थे। भाजपा की अध्यक्ष पद की प्रत्याशी भंवरबाई व अन्य सदस्यों ने उक्त चुनाव प्रक्रिया व नतीजों के खिलाफ हाई कोर्ट में रिट पिटीशन दायर की थी। ऐसे मामला न्यायालय में जाने से अधिसूचना जारी नहीं हो पाई थी। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के शपथ समारोह व प्रथम सम्मेलन पर रोक लग गई थी।
हाई कोर्ट ने इस रिट पिटीशन को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि पहले इसे सुनवाई के लिए निचली अदालत में लेकर जाएं। इसके बाद हाल ही में 14 नवंबर को निर्वाचन प्रक्रिया के सक्षम अधिकारी ने कांग्रेस की विंध्या पंवार को अध्यक्ष और कांग्रेस के नासिर पटेल को उपाध्यक्ष निर्वाचित होने की अधिसूचना जारी कर दी थी। इस अधिसूचना के जारी होने के बाद कांग्रेस ने गुरुवार को शपथ समारोह व प्रथम सम्मेलन आयोजित करने की तैयारी की थी।
इसी बीच भाजपा से अध्यक्ष पद की प्रत्याशी भंवरबाई व अन्य सदस्यों द्वारा कलेक्टर कोर्ट में लगाई गई याचिका की सुनवाई में मामले में नया मोड़ आ गया। कलेक्टर ने बताया कि मामले में अगली सुनवाई की तारीख 24 नवंबर तक शपथ समारोह यानी प्रथम सम्मेलन पर रोक लगाई गई है।