द्रौपदी मुर्मू बनीं देश की 15वीं राष्ट्रपति, CJI ने दिलाई शपथ

By AV NEWS

द्रौपदी मूर्मु ने देश की 15वीं राष्ट्रपति के तौर पर सोमवार की सुबह संसद के सेंट्रल हॉल में शपथ ले ली. इसके बाद देश को पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति मिली.

CJI एन वी रमन्ना ने उन्हें पद की शपथ दिलाई. राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अपने पहले संबोधन में द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उनके लिए देश के युवाओं और महिलाओं का हित सर्वोपरि होगा.

उन्होंने कहा कि वे खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं. इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू समेत अन्य कई बड़े नेता संसद भवन पहुंचे. शपथ लेने से पहले द्रौपदी मूर्मू राजघाट पहुंची और वहां पर महात्मा गांधी की श्रद्धांजलि अर्पित की.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ समारोह में देश के सर्वोच्च पद के लोग शामिल हुए हैं। राजनेता, न्यायाधीश, ब्यूरोक्रेट्स, लेकिन इस समारोह में द्रौपदी ने अपने खास लोगों को निमंत्रण देकर बुलाया है। ओडिशा के मयूरभंज जिले से 64 लोग इस समारोह में शामिल हुए हैं।

शपथ ग्रहण के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भाषण

“मैं जिस जगह से आती हूं, वहां प्रारंभिक शिक्षा भी सपना होता है। गरीब, पिछड़े मुझे अपना प्रतिबिंब दिखाते हैं। मैं भारत के युवाओं और महिलाओं को विश्वास दिलाती हूं कि इस पद पर काम करते हुए उनका हित मेरे लिए सर्वोपरि रहेगा।

संसद में मेरी मौजूदगी भारतीयों की आशाओं और अधिकारों का प्रतीक है। मैं सभी के प्रति आभार व्यक्त करती हूं। आपका भरोसा और समर्थन मुझे नई जिम्मेदारी संभालने का बल दे रहा है।

मैं पहली ऐसी राष्ट्रपति हूं जो आजाद भारत में जन्मी। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने भारतीयों से जो उम्मीदें लगाई थीं, उन्हें पूरा करने का मैं पूरा प्रयास करूंगी।

राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना मेरी निजी उपलब्धि नहीं है, यह देश के सभी गरीबों की उपलब्धि है। मेरा नॉमिनेशन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब न केवल सपने देख सकता है, बल्कि उन सपनों को पूरा भी कर सकता है।’

इससे पहले वो राष्ट्रपति भवन पहुंचीं, यहां उन्होंने रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी से मुलाकात की। दोनों ने मुर्मू को बधाई दी। राष्ट्रपति भवन के लिए निकलने से पहले राजघाट पहुंचकर उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी थी।

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